मौलिक अधिकार । Sanvidhan bhag 3 । Fundamental rights

 मौलिक अधिकार

( Fundamental rights )

Hello friends,

 हमने अपने पिछले पोस्ट में संविधान की प्रस्तावना, संविधान भाग 1 और संविधान भाग 2 के बारे मे जानकारी देने का प्रयास किया है। हम इस पोस्ट में संविधान के भाग 3 मौलिक अधिकार को समझने की कोशिश करेंगे।

Sanvidhan bhag 3
मौलिक अधिकार


भाग -3 : मौलिक अधिकार
 (Fundamental Rights)

 ( अनुच्छेद 12-35 ) 

• अनुच्छेद -12  संविधान में लिखित राज्य शब्द की परिभाषा।
• अनुच्छेद -13 मूल अधिकारों से असंगत या उनका अल्पीकरण करने वाली विधियों का उपबंध । 

समता का अधिकार ( Right to Equality )

• अनुच्छेद -14 विधि के समक्ष समता । 
अनुच्छेद -15 धर्म , मूलवंश , जाति , लिंग या जन्मस्थान के आधार पर भेदभाव का निषेध 
• अनुच्छेद -16 लोक नियोजन के विषय में अवसर की समता
• अनुच्छेद -17 अपृष्यता का अंत
• अनुच्छेद -18 उपाधियों का अंत । 

स्वतंत्रता का अधिकार ( Right to Freedom ) 

• अनुच्छेद -19 वाक् तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से संबंधित
• अनुच्छेद -20 अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण 
• अनुच्छेद -21 प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण ।
• अनुच्छेद -21 (क ) प्रारंभिक शिक्षा का अधिकार । 
• अनुच्छेद -22 कुछ दशाओं में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण । 

शोषण के विरुद्ध अधिकार (Right Against Exploitation)

• अनुच्छेद -23 मानव के दुर्व्यापार और बलात्श्रम का निषेध ।
• अनुच्छेद -24 कारखानों आदि में बाल श्रम का निषेध । 

धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार ( Right to Freedm of Religion )

 • अनुच्छेद -25 अन्त : करण की और धर्म के अबाध रूप से मानने , आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता ।
 • अनुच्छेद -26 धार्मिक कार्यों के प्रबंध की स्वतंत्रता । 
• अनुच्छेद -27 किसी विशिष्ट धर्म की अभिवृद्धि के लिए करों के संदाय के बारे में स्वतंत्रता । 
• अनुच्छेद -28 कुछ शिक्षा संस्थाओं में धार्मिक शिक्षा या धार्मिक उपासना में उपस्थित होने के बारे में स्वतंत्रता । 

 सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार ( Cultural & Educational Right )

• अनुच्छेद -29 अल्पसंख्यक वर्गों के हितों का संरक्षण । 
• अनुच्छेद -30 शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यक वर्गों का अधिकार 

संपत्ति का अधिकार ( Property right )

अनुच्छेद -31 ( निरसित ) । 
अनुच्छेद -31 ( क ) संपदा आदि के अर्जन के लिए उपबंध करने वाली विधियों की व्यावृत्ति । 
अनुच्छेद -31 ( ख ) कुछ अधिनियमों और विनियमों का विधिमान्यकरण । 
अनुच्छेद -31 ( ग ) कुछ निदेशक तत्वों को प्रभावी करने वाली विधियों की व्यावृत्ति । 
अनुच्छेद -31 ( घ ) ( निरसित ) । 

संवैधानिक उपचारों का अधिकार ( Right to Constitutional Remedies )

 • अनुच्छेद -32 इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों को प्रवर्तित कराने के लिए उपचार ।
 • अनुच्छेद -32 ( क ) ( निरसित ) ।
• अनुच्छेद -33 संविधान के भाग- 3 का अपवाद है संविधान का अनुच्छेद 33 यह उपबंध करता है कि राज्य कोई ऐसी विधि नहीं बनाएगा जो भाग 3 द्वारा प्रदत्त मूल अधिकारों को हीनती है या न्यून करती है , किन्तु अनुच्छेद -33 संसद को यह शक्ति प्रदान करता है कि वह कुछ विशिष्ट प्रयोजनों की पूर्ति हेतु मूल अधिकारों को निर्बन्धित या निराकृत  करने वाली विधि बना सकती है ।
• अनुच्छेद -34 इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों का बलों आदि को लागू होने में उपांतरण करने की संसद की शक्ति । जब किसी क्षेत्र में सेना विधि प्रवृत्त है तब इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों पर निर्बन्धन । इस भाग के उपबंधों को प्रभावी करने के लिए विधान । 
• अनुच्छेद -35 इस भाग के उपबंध को प्रभावी बनाने के संबंध में विधियां।


दोस्तों आपको हमारा यह प्रयास कैसा लगा कमेंट में जरूर बताएं, यदि आपको किसी और संविधान से संबधित जानकारी चाहिए तो अवश्य बताएं।


यदि आप किसी सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं तो उसकी जानकारी के लिए हमें विजिट करें तथा किसी भी प्रकार की पुस्तक डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कीजिए।



आपके सुझाव एवं सलाह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं कृपया हमें कमेंट करके जरूर बताइए कि आपको छत्तीसगढ़ और भारत की कौन सी जानकारी चाहिए ताकि हम जल्द से जल्द आप तक वह जानकारी पहुंचा सके।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ