Fundamental Duty sanvidhan bhag 4 | मूल कर्तव्य

 संविधान भाग - 4 (क)

मूल कर्तव्य 

( Fundamental Duty )

मूल कर्तव्य संविधान के भाग 4 (क) के अनुच्छेद 51 (क) में वर्णित है। प्रारंभ में जब संविधान बना तब मूल कर्तव्य के बारे में चर्चा नहीं की गई थी इसका मतलब यह है कि हमारे प्रारंभिक संविधान में मूल कर्तव्य नहीं लिखा हुआ था इसे स्वर्ण सिंह समिति की अनुशंसा पर 42 वें संविधान संशोधन 1976 के द्वारा जोड़ा गया है। मूल कर्तव्य भारत की एकता एवं अखंडता को मजबूत करता है तथा राष्ट्र की गौरव को बढ़ाता है।

जब 42 वें संविधान संशोधन 1976 के द्वारा मूल कर्तव्य जोड़ा गया तो उस समय 10 मूल कर्तव्य जोड़े गए थे लेकिन 44 वें संविधान संशोधन 1978 द्वारा एक और मूल कर्तव्य जोड़ दिया गया अब वर्तमान में कुल 11 मूल कर्तव्य हमारे संविधान में लिखी हुई है।
Sanvidhan bhag 4
मूल कर्तव्य


अनुच्छेद 51 (क) :-  मूल कर्तव्य - भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह 
( 1 ) संविधान का पालन करे और उसके आदर्शों , संस्थाओं , राष्ट्र ध्वज और राष्ट्रगान का आदर करे।

( 2 ) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को हृदय में संजोए रखे और उनका पालन करे।

( 3 ) भारत की प्रभुता , एकता और अखंडता की रक्षा करे और उसे अक्षुण्ण रखे।

( 4 ) देश की रक्षा करे और आह्वान किए जाने पर राष्ट्र की सेवा करे ।

( 5 ) भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करे जो धर्म , भाषा और प्रदेश या वर्ग पर आधारित सभी भेदभाव से परे हो , ऐसी प्रथाओं का त्याग करे जो स्त्रियों के सम्मान के विरुद्ध  हों ।

( 6 ) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्व समझे और उसका परिरक्षण करे। 

( 7 ) प्राकृतिक पर्यावरण की , जिसके अंतर्गत वन , झील , नदी और वन्य जीव हैं , रक्षा करे और उसका संवर्धन करे तथा प्राणि मात्र के प्रति दयाभाव रखे। 

( 8 ) वैज्ञानिक दृष्टिकोण , मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करे। 

( 9 ) सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखे और हिंसा से दूर रहे।
 
( 10 ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर बढ़ने का सतत प्रयास करे जिससे राष्ट्र निरंतर बढ़ते हुए और उपलब्धि की नई ऊंचाइयों को छू सकें।

( 11 ) यदि माता - पिता या संरक्षक है , तो छह वर्ष से चौदह वर्ष तक की आयु वाले अपने  यथास्थिति , बालक या प्रतिपाल्य के लिए शिक्षा के अवसर प्रदान करे ।


संविधान द्वारा मौलिक कर्तव्य का अनुपालन करने की बाध्यता नहीं रखी गई है लेकिन कुछ मौलिक कर्तव्य का अवहेलना करने पर कुछ कानूनी प्रावधान बनाए गए हैं :-
1. राष्ट्रध्वज या राष्ट्रीय गीत की अवमानना करने पर नेशनल ऑनर एक्ट के तहत कार्यवाही की जा सकती है तथा इसके लिए भारतीय ध्वज संहिता भी बनाई गई है।

2. हिंसा में लिप्त होने तथा सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए भारतीय दंड संहिता के तहत दंड दिया जा सकता है।

3. धर्म, भाषा, जाति या प्रदेश के आधार पर पक्षपात करने हेतु नागरिक अधिकार अधिनियम 1955 के द्वारा दंडित किया जा सकता है।


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