Dantewada Chhattisgarh। दक्षिणी बस्तर दंतेवाड़ा

 दक्षिणी बस्तर दंतेवाड़ा

दक्षिणी बस्तर दंतेवाड़ा जिला का गठन सन 1998 में किया गया। जिले में सूरतगढ़ जलप्रपात जो कि संखनी नदी पर है तथा मेदनीघूमर जलप्रपात स्थित है।
यहां पर स्थित नेशनल हाईवे  NH-163(A)गीदम - दंतेवाड़ा प्रदेश का सबसे छोटा राष्ट्रीय राजमार्ग है जो कि केवल 12 किलोमीटर का है।
Dantewada Chhattisgarh
Dantewada Chhattisgarh




दंतेवाड़ा में स्थित बैलाडीला की पहाड़ी लौह अयस्क भंडार के लिए विश्व प्रसिद्ध है यह एशिया का सबसे बड़ा लौह खदान है जिसमें हेमेटाइट किस्म के लौह अयस्क की प्राप्ति होती है।

दक्षिणी बस्तर Dantewada
दक्षिणी बस्तर Dantewada 


यहां से उत्खनन से प्राप्त लौह अयस्क का निर्यात, जापान को विशाखापट्टनम बंदरगाह से किया जाता रहा है।
बैलाडीला में छत्तीसगढ़ की दक्षिण की सबसे ऊंची चोटी नंदीराज 1210 मीटर स्थित है।

दंतेवाड़ा में बारसूर नामक स्थान में मामा भांजा मंदिर, बत्तीसा मंदिर, चंद्रादित्य मंदिर, गणेश जी की विशाल मूर्ति तथा चंद्रादित्य समुद्र नामक सरोवर स्थित है।
Dantewada Battisa Mandir
Dantewada Battisa Mandir

Dantewada mama bhanja mandir
Dantewada mama bhanja mandir



दंतेवाड़ा में मां दंतेश्वरी मंदिर स्थित है जिसका निर्माण 14वीं शताब्दी में अन्नमदेव काकती वंशी शासक ने किया था। यह मंदिर शंखिनी डंकिनी नदी के संगम पर स्थित है ब्रिटिश काल में इस मंदिर में नरबलि प्रथा के लिए मारिया जनजाति की संस्कृति में हस्तक्षेप हेतु अंग्रेजो के खिलाफ मेरिया विद्रोह हुआ था मेरीया यहां की मुख्य जनजाति है।

मां दंतेश्वरी मंदिर
मां दंतेश्वरी मंदिर

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