रायपुर छत्तीसगढ़ का ऐतिहासिक नगर
रायपुर का छत्तीसगढ़ के इतिहास में एक अनोखी पहचान है रायपुर का इतिहास भारत देश के राष्ट्रीय इतिहास से बिल्कुल भी अछूता नहीं रहा है यहां के विभिन्न घटनाक्रम हमें देश के राष्ट्रीय इतिहास को समझने में सहायता प्रदान करती हैं। वर्तमान में हमारे छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर है जोकि छत्तीसगढ़ राज्य का एक मध्यवर्ती हिस्सा है यह छत्तीसगढ़ की मैदानी भाग महानदी बेसिन पर अवस्थित है। रायपुर भौगोलिक दृष्टि से मैदानी क्षेत्र है यहां की संरचना में कुडप्पा क्रम की चट्टानों का विशिष्ट योगदान रहा है इसलिए यहां प्राकृतिक रूप से खनिज के रूप में चुना पत्थर की बहुलता है ।
रायपुर जिले की राजनैतिक संरचना :-
वर्तमान रायपुर शहर रायपुर संभाग का एक महत्वपूर्ण अंग है इसे जिला के रूप में नवंबर 1861 में गठित किया गया तथा 1862 में एक संभाग के रूप छत्तीसगढ़ बनने के बाद छत्तीसगढ़ का प्रशासन रायपुर से संचालित होने लगा। रायपुर जिला अपने निकटवर्ती दुर्ग, धमतरी, गरियाबंद, महासमुंद, बेमेतरा तथा बलौदाबाजार 6 जिलों के साथ सीमा साझा करता है । रायपुर जिले के अंतर्गत 4 विकासखंड आते हैं धरसीवां, तिल्दा, आरंग, अभनपुर।
रायपुर की ऐतिहासिकता :-
अधिकांश संस्कृतियों का उदय नदियों के पास ही हुआ है रायपुर की प्राचीन बसाहट भी नदियों के साथ ही शुरू हुई रायपुर शहर खारून नदी के तट पर बसा हुआ है। छत्तीसगढ़ के इतिहास में कल्चुरीयों का एक विशेष योगदान रहा है रायपुर शहर के निर्माण में भी इन्ही कल्चुरीयों का योगदान रहा है । छत्तीसगढ़ के इतिहास में देखने से मिलता है कि छत्तीसगढ़ में कल्चुरीयों के दो शाखा थी प्रारंभिक शाखा रतनपुर के कलचुरी द्वितीय शाखा खल्लवाटिका मतलब की आधुनिक खल्लारी जिला महासमुंद । लेकिन 14 शताब्दी में कलचूरी शासक रामचंद्र देव ने अपने पुत्र ब्रह्मदेव के नाम पर रायपुर नगर बसाया तथा कल्चुरीयों की राजधानी स्थानांतरित की । कालांतर में यह शाखा रायपुर के कलचुरी के रूप में छत्तीसगढ़ में शासन किए।
कल्चुरीयों के अंतिम शासक अमर सिंह देव को पद से हटाकर मराठों ने छत्तीसगढ़ में अपना अधिपत्य जताया । मराठा शासक रघुजी के पुत्र बिम्बाजी भोंसले को नागपुर साम्राज्य मिला जिसके अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य आता था अतः यहां प्रशासक के रूप में बिम्बाजी भोसले प्रथम मराठा शासक के रूप में शासन किए लेकिन सन 1818 में मराठा और अंग्रेजों के तृतीय युद्ध में मराठा पराजित हो गए साथ ही छत्तीसगढ़ में अप्रत्यक्ष रूप से अंग्रेजों का शासन प्रारंभ हो गया ।
1854 में छत्तीसगढ़ प्रांत पूर्णतः अंग्रेजों के हाथों में चला गया। और अंग्रेजों ने छत्तीसगढ़ राज्य में रायपुर से प्रशासन को नियंत्रित किया। अंग्रेजी शासन के समाप्ति के पश्चात स्वतंत्र भारत में छत्तीसगढ़ मध्यप्रांत का हिस्सा था। आधुनिक मध्यप्रदेश के गठन के समय छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश के हिस्से में था तदुपरांत 1 नवंबर सन 2000 को छत्तीसगढ़ स्वतंत्र अस्तित्व में आया और रायपुर राजधानी के रूप में छत्तीसगढ़ का शासन रायपुर से ही संचालित होने लगा।
रायपुर के विभिन्न पर्यटन स्थल :-
रायपुर जिले की प्राकृतिक बनावट तथा उनकी ऐतिहासिकता रायपुर को विश्व विख्यात प्रसिद्धि दिलाने के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं । आधुनिक रायपुर शहर विविधता में एकता का एक विशिष्ट उदाहरण हैं जो कि भारत देश की मूलभूत संरचना का बेमिसाल नमूना है यहां स्थित बैरन बाजार में अनेकता में एकता की अनुपम झलक देखने को मिलती है। लगभग द्वितीय विश्व युद्ध के समय अंग्रेजों तथा बैरन साहब के द्वारा स्थापित बाजार को बैरन बाजार का नाम दिया गया था।उन दिनों पुलिस लाइन सेना एक बैरक के रूप में स्थापित थी जहां हिंदू , मुस्लिम, ईसाई सभी धर्मों के लोग एक साथ निवास करते थे इसके नजदीक में एक पेंशनवाड़ा स्थित है जहां सेना के पेंशनर निवास करते थे । इसी पुलिस लाइन मार्ग में ही एक कैथोलिक चर्च है तथा उसके सामने एक मस्जिद स्थापित है तथा कुछ ही दूरी पर एक राम मंदिर स्थापित है इस प्रकार से यह स्थान धार्मिक सहिष्णुता का केंद्र बना हुआ है।
महंत घासीदास संग्रहालय :-
गुरु घासीदास स्मारक संग्रहालय जी ई रोड में कलेक्ट्रेट के सामने स्थित है इस संग्रहालय भवन को राजनांदगांव की रानी ज्योति देवी के दान से बनाया गया है इस संग्रहालय का उद्घाटन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने 21 मार्च 1953 में किया था इस संग्रहालय में छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्थानों से प्राप्त पुरातत्त्व संपदा प्रदर्शित तथा संरक्षित है। यहां पर छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों से प्राप्त सिक्के, मूर्तियां, सामग्री तथा अभिलेखों का विशाल संग्रह है।
विवेकानन्द सरोवर (बूढ़ा तालाब) :-
विवेकानंद सरोवर रायपुर का एक प्राचीन तालाब है रायपुर नगर का अत्यंत प्राचीन तालाब होने की वजह से इसका नाम बूढ़ा तालाब पड़ा है । कुछ लोगों के अनुसार आदिवासियों के इष्ट देव बूढ़ादेव के नाम पर इस तालाब का नाम बूढ़ा तालाब पड़ा। वर्तमान में इसका नाम बदलकर विवेकानंद सरोवर कर दिया गया है । इस सरोवर के मध्य में एक द्वीप के रूप में आकर्षक उद्यान बनाया गया है जहां स्वामी विवेकानंद का एक विशाल मूर्ति बना हुआ है तथा तालाब के मध्य में फाउंटेन और पर्यटकों के लिए नौकायान की भी व्यवस्था की गई है।
दुधाधारी मंदिर :-
दूधाधारी मंदिर 17 वी सदी का रायपुर का एक प्राचीन मंदिर है इस मंदिर में मराठा कालीन पेंटिंग तथा वैष्णव धर्म से संबंधित होने के कारण रामायण कालीन दृश्यों का सुंदर चित्रण मिलता है जोकि अत्यंत आकर्षक है । मंदिर का निर्माण कल्चुरियो के राजा जैतसिंह के समय हुआ था । यह भगवान रामचंद्र जी का एक भव्य मंदिर है।
हाटकेश्वर महादेव मंदिर रायपुरा :-
कल्चुरियो द्वारा जब रायपुर शहर बसाया गया तब प्रारंभिक दौर पर इसी क्षेत्र में लोग बसे । यह स्थल खारुन नदी के तट पर स्थित है कलचुरी शासक ब्रह्मा देव के शिलालेख से जानकारी मिलती है कि हाजीराम ने यहां हाटकेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण कराया था वर्तमान में यहां अनेक से छोटे बड़े अन्य मंदिर बने हुए हैं । यहां पर प्रत्येक वर्ष कार्तिक पूर्णिमा को मेला का आयोजन होता है इसी महादेव घाट में विवेकानंद आश्रम के संस्थापक स्वामी आत्मानंद जी का समाधि स्थल भी है।
राजकुमार कॉलेज :-
यह कॉलेज अंग्रेज काल के स्थापत्य कला का एक बेजोड़ नमूना है इस संस्था में 1939 तक सिर्फ राजकुमारों को शिक्षा दी जाती थी इसके पश्चात इसे सामान्य लोगों के लिए भी खोल दिया गया। राजकुमार कॉलेज अपनी भव्य परिसर तथा भवन के कारण रायपुर नगर में एक आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
ऊर्जा पार्क :-
छत्तीसगढ़ की राजधानी में स्थित ऊर्जा पार्क क्रेडा द्वारा विकसित किया गया है जो कि अपने आप में ऊर्जा उद्यान का एक अनूठा प्रदर्शन है। यह उद्यान रायपुर से एयरपोर्ट मार्ग पर अवस्थित है इस उद्यान में चारों ओर हरे-भरे पेड़-पौधे तथा फूलों की सुंदरता देखते ही बनती हैं इसके अलावा इस उद्यान में विभिन्न प्रकार के कृत्रिम झरनों का भी निर्माण किया गया है । इस उद्यान की विशेषता यहां बनाए गए विभिन्न ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोत पर आधारित मॉडल हैं जिसके अंतर्गत सौर् ऊर्जा के जनक सूर्य की प्रतिमा, सोलर ऊर्जा कृत कुटीर उद्योग इत्यादि शामिल है। यहां पर नवीनीकृत ऊर्जा स्रोत के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के मॉडल प्रस्तुत किए गए हैं।
नंदनवन :-
रायपुर के निकट हथबंद नामक स्थान पर नंदनवन स्थित है जो कि रायपुर-दुर्ग मुख्य मार्ग से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। नंदनवन में विभिन्न प्रकार के वन्यजीव, पक्षी तथा मगरमच्छ का संरक्षण किया गया है। यह एक कृत्रिम चिड़ियाघर है जो कि पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है।
रायपुर जिले के अन्य पर्यटन स्थल :-
रायपुर जिले के अंतर्गत विभिन्न पर्यटन स्थल आते हैं जिनमें से नया रायपुर, आरंग, चंदखुरी, चंपारण्य इत्यादि प्रमुख है। इन सभी स्थानों के बारे में दूसरे पोस्ट में बात करेंगे अपने आने वाले पोस्ट का लिंक इसके नीचे दे दिया जाएगा आप उसे क्लिक करके डायरेक्ट देख पाएंगे इस पोस्ट में हम रायपुर जिले के अंतर्गत विभिन्न उद्योगों को देखेंगे तथा शैक्षणिक स्थल को देखेंगे।
रायपुर जिले में आद्योगिक केंद्र :-
उरला :- छत्तीसगढ़ का प्रथम औद्योगिक विकास केंद्र
सिलतरा :- छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा औद्योगिक विकास केंद्र
भानपुरी रायपुर :- अपेरल पार्क
तिल्दा रायपुर :- प्लास्टिक पार्क
रावाभठा :- मेटल पार्क
WRS कॉलोनी :- रेल्व बोगी मरम्मत केंद्र
बिड़ला सेंचुरी सीमेंट :- बैकुंठ रायपुर
रायपुर जिले में स्थित शैक्षणिक संस्थान :-
पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय :- रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय राज्य का प्रथम शिक्षा विश्वविद्यालय है जो कि सन 1964 से ही प्रारंभ है।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय :- यह प्रदेश का एकमात्र कृषि विश्वविद्यालय हैं जो कि सन 1987 से कार्यरत हैं।
हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय ( HNLU ) :-
यह प्रदेश का एकमात्र विधि विश्वविद्यालय हैं जो कि सन 2003 से कार्यरत हैं। इस विश्वविद्यालय का नाम भारत के पूर्व राष्ट्रपति हिदायतुल्लाह के नाम पर रखा गया है।
कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवम् जनसंचार विश्वविद्यालय:-
यह राज्य का एकमात्र पत्रकारिता विश्वविद्यालय है जो कि सन 2005 से संचालित है।
पंडित दीनदयाल आयुष स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विश्वविद्यालय :-
यह विश्वविद्यालय सन 2008 से रायपुर में संचालित है।
मैट्स विश्वविद्यालय :-
यह विश्वविद्यालय ( गुल्लू ) आरंग, रायपुर में स्थित है।
अन्य शिक्षण संस्थान :-
1. पंडित जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर
2. कमला देवी संगीत महाविद्यालय रायपुर
3. श्रीराम संगीत महाविद्यालय रायपुर
4. छत्तीसगढ़ महाविद्यालय रायपुर
5. राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर (NIT)
6. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान रायपुर (AIIMS)
7. भारतीय प्रबंधन संस्थान नया रायपुर (IIM)
8. ITM UNIVERSITY उपरवारा रायपुर
9. AMITY UNIVERSITY माठ, खरोरा, रायपुर
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